भगवान श्री कृष्ण, हिंदू कथाओं में सबसे प्रिय देवताओं में से एक हैं, जो प्रेम, ज्ञान और ज्ञान के प्रतीक हैं। भगवद गीता में भगवान कृष्ण के उपदेश ने पूरी दुनिया को शांति और प्रेरणा से भरा जीवन जीने के लिए प्रेरित किया है।
इस लेख में, हम कुछ प्रसिद्ध कृष्ण उद्धरण (Krishna Famous Quotes) पढ़ेंगे जो हमें जीवन जीने के लिए प्रेरित करेंगे और इस जीवन में हमारी आध्यात्मिक यात्रा को समझने में हमारी मदद करेंगे। ये प्रसिद्ध कृष्ण उद्धरण(Krishna Famous Quotes) हमें आत्म बोध ( Self realisation), निस्वार्थ सेवा, कर्म का महत्व, भगवान में विश्वास, खुशी से जीना सिखाएंगे
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Top 60 Krishna Famous Quotes In Hindi
“सोच (विचार ) हमारे भविष्य का निर्माण करता हैं। हम वही बनते हैं जिसके बारे में हम हमेशा सोचते हैं। इसलिए कभी भी गलत न सोचें और शक ( संदेह ) को अपने मन में प्रवेश न करने दें।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – हमारे भविष्य का निर्माण हमारी सोच से होता है। जो सोच हम अपने मन में बनाते हैं, वही हमारी व्यक्तित्व और भविष्य की नींव होती है। इसलिए, हमेशा सकारात्मक सोच और विश्वास रखें ताकि हम सकारात्मक और सफल जीवन जी सकें। वैसे तो शक और गलत सोच हमारे मन में आ सकते हैं, परन्तु हमें उनके प्रभाव से बचना चाहिए।

“सफलता का राज यह है कि आप हर समय यह सोचते रहें कि आप क्या चाहते हैं और जब तक आप जो चाहते हैं उसे हासिल न कर लें, तब तक हार न मानें।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – सफलता का रहस्य है कि हम हमेशा यह सोचें कि हम क्या चाहते हैं। जब तक हम अपने लक्ष्य को हासिल नहीं करते, हम अपनी हार नहीं मानते। इसलिए हमें हमेशा जीतने की इच्छा रखनी चाहिए और लगातार कोसिस करते रहनी चाहिए।

“कर्मयोग में कोई भी कार्य किसी भी और कार्यों से ज्यादा जरूरी या कम जरूरी नहीं है। सभी काम बराबर और जरूरी होते हैं। ”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की –कर्मयोग में हमें अपने कर्तव्य का निर्धारण करना होता है और उसे ईमानदारी से पूरा करना होता है। इसमें किसी भी कार्य का महत्व या कमी नहीं होती। सभी कार्य बराबर महत्वपूर्ण होते हैं और समय-समय पर किए जाने वाले कार्यों में भी एक संतुलन बनाए रखना चाहिए। इसलिए, हमें कर्मयोग के माध्यम से सभी कार्यों को अपने जीवन में शामिल करना चाहिए।

“किसी और के सपने को पूरा करने में मदद करें, आपका सपना खुद भगवान् द्वारा पूरा किया जाएगा!”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की –हमें समझना चाहिए कि समाज का हर व्यक्ति किसी न किसी सपने को देखता है। और जब हम किसी और के सपनों को पूरा करने में मदद करते हैं, तो हम उनकी खुशी और संतुष्टि के लिए कुछ करते हैं। यह भी समझ लेना चाहिए कि भगवान् अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इसलिए, अगर हम अपने आसपास के लोगों का साथ देते हैं तो हमारा साथ कुढ़ भगवान् देते हैं ।

“मनुष्य के जीवन में सुख और दुख मानव शरीर की इंद्रियों के कारण होते हैं।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – जैसे जब हम कुछ साफ दृश्य या शब्द सुनते हैं तो उसका असर हमारी इंद्रियों पर पड़ता है। जब हम अपने मन को शांत रखते हैं तो हमारी इंद्रियों पर कोई भी बाहरी प्रभाव नहीं पड़ता। इसलिए हमें अपनी इंद्रियों को संतुलित रखना चाहिए ताकि हम सुख और दुख से बच सकें।

“मन की इच्छा पूरी न होने पर हम गुस्सा हो जाते हैं। इसलिए गुस्से को काबू में करने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी इच्छाओं को कम कर लेना या रोक लेना ।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – इस समस्या का सबसे अच्छा समाधान है कि हम अपनी इच्छाओं को कम करें या फिर उन्हें रोक लें। यदि हम ऐसा करने में सफल हो जाते हैं, तो हम अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपने विचारों को नियंत्रित कर सकते हैं

“सत्य को नष्ट नहीं किया जा सकता है और न ही इसे समाप्त किया जा सकता है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की- सत्य को हम नष्ट नहीं कर सकते हैं और न ही इसे समाप्त कर सकते हैं। सत्य हमारे जीवन का आधार है। सत्य को खतम करना मुमकिन नहीं है। इसलिए हमें सत्य का पालन करना चाहिए तांकि हम अपने जीवन में खुशियाँ ला पायें।

“सब कुछ करें जो आपको करना है, लेकिन लालच ,अहंकार, वासना, और ईर्ष्या से नहीं, बल्कि प्रेम, करुणा, विनम्रता और भक्ति से।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की- जीवन में सफलता हासिल करने के लिए हमें सब कुछ करना पड़ता है, लेकिन हमें लालच, अहंकार, वासना और ईर्ष्या की ओर नहीं बल्कि प्रेम, करुणा, विनम्रता और भक्ति की ओर बढ़ना चाहिए। ये गुण हमें सफलता के साथ-साथ आनंद और सुख भी प्रदान करते हैं।

“मनुष्य के शरीर में मौजूद आत्मा को कोई भी नष्ट नहीं कर सकता है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – हम सभी जानते हैं कि मानव शरीर में आत्मा निवास करती है। और आत्मा को कोई भी नष्ट नहीं कर सकता है। यह अमर है और सदैव अमर रहेगी। यह हमारे अस्तित्व की गहराई को बताती है। हमें इस बात का पता होना चाहिए कि हमारे शरीर की मृत्यु का कारण हमारी आत्मा नहीं होती है। इसलिए हमें अपनी आत्मा की देखभाल करनी चाहिए ताकि हमारे जीवन की यात्रा ध्यान और शांति से बीत सके।

“मनुष्य के शरीर में मौजूद आत्मा अनंत है और मर नहीं सकती। यह केवल शरीर है जिसे मिटाया या नष्ट किया जा सकता है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – मनुष्य के शरीर में आत्मा निवास करती है जो की अमर है। आत्मा कभी मरती नहीं है। यह केवल भौतिक शरीर है जिसे मिटाया या नष्ट किया जा सकता है। हमारी आत्मा हमारे शरीर का मालिक है और इसे स्वस्थ रखना हमारी जिम्मेदारी है। हमें इस बात का सदैव ध्यान रखना चाहिए कि हमारी आत्मा हमारे शरीर से भिन्न है और इसे अमर होने का अनुभव करना चाहिए।
“हमें अपनी हार से सीखना चाहिए और अपनी हार को हम पर हावी हुए बिना आगे बढ़ना चाहिए।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – हमें हमारी हार से सीखना चाहिए कि हमने क्या गलत किया था और इससे हम कैसे सीख सकते हैं। इससे हम अपनी गलतियों से बच सकते हैं और अगली बार बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

“भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है कि वे अपने उन भक्तों की सभी जरूरतों का ख्याल रखते हैं जो पुरे विश्वास और प्रेम भक्ति के साथ उनकी पूजा करते हैं।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – भगवान हमारी हर एक जरूरत का ख्याल रखते हैं और हमारी मदद करना चाहते हैं। हमें भगवान कृष्ण की भक्ति में आस्था रखनी चाहिए और उनसे प्रेम भरी भावना रखनी चाहिए। इससे हमें न केवल अधिक शक्ति मिलती है, बल्कि हमारी आध्यात्मिकता भी बढ़ती है।

“मन ही सब कुछ है। जो आप सोचते हैं वही बनते हैं ।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – मन ही हमारी सारी शक्ति का स्रोत है। हम जो भी सोचते हैं, वही हम बनते हैं। जैसे हमारे मन में विचार आते हैं, वैसे ही हमारे जीवन के अनुभव होते हैं। अपने मन को सकारात्मक रखना हमें आगे बढ़ने में मदद करता है। हमें हमेशा अपने मन का नियंत्रण खुद पर रखना चाहिए और सकारात्मक विचारों को अपने मन में बनाए रखना चाहिए। इससे हमें जीवन में सफलता मिलती है।

“मृत्यु के बाद नया जन्म होता है और नए जन्म के बाद मृत्यु होती है और मृत्यु के बाद फिर से जन्म होता है। यही जीवन का चक्र है “
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – हम सभी जानते हैं कि मृत्यु एक सत्य है। लेकिन हिंदू धर्म में माना जाता है कि मृत्यु के बाद नया जन्म होता है और नए जन्म के बाद मृत्यु होती है। इस प्रकार जीवन का चक्र चलता रहता है। हमे इस जन्म-मृत्यु के चक्र से बचने के लिए अपने कर्मों को अच्छा करना चाहिए। हमें अपने अच्छे कर्मों का फल अवश्य मिलेगा और हमें नए जन्म में अच्छा नसीब मिलेगा।

“आपकी निष्ठा ( समर्पण ) और कड़ी मेहनत एक दिन जरूर परिणाम लाएगी।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – हम सभी चाहते हैं कि हमारे काम और मेहनत से हमें जल्द से जल्द सफलता मिले। लेकिन कभी-कभी लगता है कि हमारी मेहनत बेकार हो रही है। लेकिन याद रखिए, आपको अपनी मेहनत पर विश्वास रखना चाहिए और अपने लक्ष्य की तरफ प्रगति करना चाहिए। समय लगेगा लेकिन जब आप अपने लक्ष्य तक पहुंचेंगे तो आपको उस समय की मेहनत का फल जरूर मिलेगा।

“अपना सही कर्म करें और सफलता और असफलता दोनों में समान बनें। सफलता और असफलता को एक ही जेसा समझे ।”
“अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर, दूसरों के लिए काम करने का प्रयास करें। यह आपके जीवन में काम करने का सबसे अच्छा तरीका होगा।”

“जब आपका मन दुनिया की भौतिकवादी, और बेकार की इच्छाओं से मुक्त हो जाएगा, तब आप आध्यात्मिक ज्ञान हासिल करेंगे।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – जब आप दुनिया की भौतिकवादी इच्छाओं से मुक्त हो जाएँगे, तब आप आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करेंगे। जीवन में संतुलित रहें और मन को शांत रखें।

“जब कोई व्यक्ति दूसरों के सुख और दुख में ऐसे शामिल होता है जैसे कि वे उसके अपने थे, तो उसने आध्यात्मिक एकता की सबसे ऊँची अवस्था को हासिल कर लिया है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की –जब कोई भी व्यक्ति दूसरों के सुख और दुख में उतनी ही भावना से शामिल होता है जैसे कि वे उसके अपने हों, तब उसने आध्यात्मिक एकता की सबसे ऊँची अवस्था को प्राप्त कर लिया है।

“ईश्वर को देखने का सबसे अच्छा तरीका है कि हर चीज में उनकी उपस्थिति महसूस की जाए क्योंकि हर चीज ईश्वर का अंश है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – वास्तव में, हमारे चारों तरफ ईश्वर की उपस्थिति होती है। सूर्य, चाँद, पेड़-पौधे, जानवर, मानव, सब कुछ ईश्वर के द्वारा बनाया गया है। हमें समझना चाहिए कि ईश्वर सभी चीजों में है और हमें ईश्वर के विशाल रूप को महसूस करना चाहिए।

“जो मन की संतुस्टि से पूरी तरह मुक्त हो जाता है उसे सबसे ज्यादा ज्ञानी व्यक्ति माना जाता है।”
“जब किसी मनुष्य की इच्छा उसी वक्त पूरी नहीं होती है, तो उसमें गुस्सा पैदा होता है।”

“खुद पर नियंत्रण रखने वाला व्यक्ति कभी भी मन की इछाओ में नहीं फसा रहता है ऐसा व्यक्ति खुद का मालिक होता है”
“जिस व्यक्ति का मन बेकाबू होता है, उसे मन की शांति नहीं मिलती है” ।

“खाली बैठे रहने के बजाय , कुछ भी काम करना सही होता है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – आराम करने से ज्यादा कुछ काम करना हमेशा अच्छा होता है।

“फालतू की चीजों को छोड़ देने से आपको भगवान का आशीर्वाद मिलता है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – इसका मतलब है कि हमें अपनी जिंदगी में सिर्फ उन चीजों पर समय व्यतीत करना चाहिए जो हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं और हमें आगे बढ़ने में मदद करते हैं। अपनी जिंदगी में फालतू चीजों को छोड़कर, हम अपने जीवन को सरल और आसान बना सकते हैं और सही जगह हासिल कर सकते हैं ।
“बदले में कुछ पाने की उम्मीद से दान देना गलत है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – इसका मतलब है कि अगर हम किसी चीज के लिए दान देते हैं तो उसके बदले कुछ पाने की उम्मीद नहीं होनी चाहिए। इससे हम अपना धर्म नहीं निभा पाते हैं और अपनी सही नियत को खो देते हैं। इसलिए, दान देना गलत नहीं है, लेकिन उम्मीद और बदले के लिए दान देना गलत है।

“ज्ञानी व्यक्ति कभी भी किसी अच्छे काम के लिए “मैं हूँ और ये मैंने किया है ” नहीं कहता है ।
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – एक ज्ञानी व्यक्ति कभी भी किसी अच्छे काम के लिए अपने आप की तारीफ नहीं करता। ज्ञानी व्यक्ति अपने किए गए कामों को लेकर गर्व नहीं करता, बल्कि उन्हें समझता है कि ये काम भगवान द्वारा उन्हें दिए गए हैं। ज्ञानी व्यक्ति जानता है कि सभी काम भगवान द्वारा ही किए जाते हैं, इसलिए वे अपने सारे कर्मों को भगवान को चढ़ाता है ।

“जैसे सीसा धूल से ढका होता है, ज्ञान वासना से ढका होता है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – जैसे दर्पण को धूल से साफ करना होता है उसी तरह व्यक्ति को अपनी वासनाओं से जुड़े अज्ञान को दूर करने की आवश्यकता होती है। ज्ञान वासनाओं से ढका होता है क्योंकि ज्ञान अंधकार के समान होता है। जैसे अंधकार को दूर करने के लिए उजाले की जरूरत होती है उसी तरह व्यक्ति को अपनी वासनाओं से जुड़े अज्ञान को दूर करने के लिए ज्ञान की जरूरत होती है।
“इंद्रियाँ महान हैं लेकिन मन उससे भी बड़ा है तो इंद्रियाँ और आत्मा मन से भी ऊँची है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – हमें इंद्रियों को रोकने के बजाय उन्हें समझने और अपने मन को शांत रखने की कोशिश करनी चाहिए । इससे हम अपने जीवन को और अच्छा सरल बना सकते हैं ।
“जो लोग जीत या हार के समय हमेशा एक समान रहते हैं, वे कभी दुःखी नहीं होते।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – जो इंसान हार के समय उन अनुभवों से कुछ नया सीखता हैं और जीत के समय उसे एक चुनौती के रूप में लेते हैं। वह व्यक्ति हमेशा नए उत्साह और उमंग के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ाते हैं। इस तरह से, वे अपने आप को दुख और निराशा से दूर रखते हैं और खुशी और सफलता के मजे लेते हैं।

” ज्ञानी लोग जानते हैं कि उन्हें त्याग करने की जरूरत है और वे त्याग करते हैं। “
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – ज्ञानी लोग जानते हैं कि जिस चीज को उन्हें त्याग करना चाहिए, उसे छोड़ देना उनके लिए बहुत जरूरी होता है। वे उस चीज को त्याग करते हुए भी शांति और संतुष्टि से जीवन जीते हैं। ज्ञानी लोग समझते हैं कि संसार के सभी सुख और दुख हमेसा के लिए नहीं होते और इसलिए उन्हें इनसे ज्यादा लगाव नहीं करना चाहिए। वे उन सभी चीजों से त्याग करते हैं जो उन्हें आगे बढ़ने से रोकती हैं
“जो व्यक्ति व्यक्तिगत फल की इच्छा किए बिना काम करता है, वह आसानी से मुक्त हो जाता है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – कि जो व्यक्ति अपने काम को केवल कर्तव्य के लिए करता है और फल की चिंता नहीं करता है, वह व्यक्ति आज़ादी से जीता है । फल की इच्छा से आदमी को बंधन मिलता है जो कि उसे उससे मुक्त नहीं करने देता। इसलिए, काम करते समय फल की चिंता करने की जगह कर्तव्य में ध्यान लगाना चाहिए।

“ईश्वर कभी किसी के पुण्य या पाप को स्वीकार नहीं करते हैं, वह हमारे कर्मों के आधार पर हमें फल देते हैं ।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – भगवान किसी व्यक्ति के किए गए पुण्य या पाप को स्वीकार नहीं करते हैं। भगवान हमारे कर्मों के आधार पर हमें फल देते हैं। हमें अपने कर्मों को सच्ची भक्ति और निस्वार्थ भाव से करना चाहिए और भगवान में विश्वास बनाये रखना चाहिए।

“केवल वह व्यक्ति जो सभी को एक सामान नजरिये से देखते हैं, असली ज्ञान में विद्वान माने जाते हैं।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – एक सच्चा ज्ञानी वह है , जो सभी लोगों को एक समान नजरिए से देखता है। किसी भी व्यक्ति की जाति, वंश या सम्पत्ति से उसकी पहचान नहीं करता, वही असली ज्ञानी होता है।

“जो मन के साथ अंधरुनि खुशी का अनुभव करता है वह आध्यात्मिक रूप से परम सत्य को महसूस करता है और मुक्ति प्राप्त करता है।”
“जिस व्यक्ति का मन शांत है। और वह मन की शांति को महत्व देता है वह व्यक्ति आध्यात्मिक उन्नति करता है।”
“हमारा दिमाग हमारा सबसे अच्छा दोस्त हो सकता है या यह हमारा सबसे बड़ा दुश्मन हो सकता है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – हमारा दिमाग हमें हमारे जीवन में बहुत सारे फायदे देता है। वह हमें सोचने, समझने, सीखने और समस्याओं का हल निकालने में मदद करता है। लेकिन जब हमारे दिमाग में गलत विचार आते हैं, तो वह हमें हमारे ज़िन्दगी में काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, हमें यह समझना जरूरी है कि हमारा दिमाग हमारा सबसे अच्छा दोस्त या सबसे बड़ा दुश्मन हो सकता है

“बेकाबू दिमाग वाले लोगों को जीवन में बहुत सारी मुशिबतों का सामना करना पड़ता है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – अनियंत्रित दिमाग वाले लोग अपने विचारों और भावनाओं को काबू नहीं कर पाते हैं। वे अपने दिमाग को अपने काबू में रखने में फेल हो जाते हैं। ऐसे लोग अक्सर अपने विचारों के गुलाम हो जाते हैं और हमेशा दुःखी रहते हैं
“अच्छे लोग मर कर भी कभी खत्म नहीं होते हैं ; वह अपने अगले जन्म में और ज्यादा तरक्की प्राप्त करते हैं।
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – अच्छे लोग कभी नहीं मरते। उनकी आत्मा हमेसा जीवित रहती है और वे अपने अगले जन्म में भी अधिक प्रगति करते हैं। यह एक धार्मिक विश्वास है कि जो लोग अपने जीवन में अच्छाई के साथ रहते हैं, वे अपने अगले जन्म में भी अधिक सफलता प्राप्त करते हैं।

“जो व्यक्ति भगवान (मुझे) की पूजा करता है वह मुझे ( भगवान् ) को प्राप्त करता है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – भगवान की पूजा करने से और भगवान के प्रति विश्वास रखने से हमारा जीवन अच्छा और खुशहाल हो सकता है। जैसे कि हमें शांति, सुख, समृद्धि, संतुलन और आनंद का अनुभव हो सकता है। इससे हम अपने जीवन में खुश रह सकते हैं।
“जो लोग भगवान को नहीं मानते हैं, वे कभी भी मन की शांति प्राप्त नहीं करते हैं।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – यह सत्य है कि जो लोग भगवान को नहीं मानते हैं, वे अक्सर अपने जीवन में मन की शांति नहीं प्राप्त कर पाते हैं।

“भगवान हमारे जीवन में उपस्थित होते हैं और हमें उनसे बात करनी चाहिए। हम उनसे अपने मन की बातें कह सकते हैं और उनसे शांति और सुख की मांग कर सकते हैं। “
“जो लोग भगवान को नहीं मानते हैं, वे अक्सर अपने अंदर के तनाव और उतावले मन के कारण शांति और सुख की तलाश में घूमते रहते हैं।”
“मैं ( भगवान् ) हर किसी को जानता हूं, लेकिन ये कोई नहीं जानता कि मैं ( भगवान् ) कौन हूं? “
“जो मुझ (भगवान) पर भरोसा करते हैं वे मुझे (भगवान को ) जानते हैं।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – हाँ, यह सत्य है। जो भगवान पर पूरा भरोसा रखते हैं, वे उनकी अस्तित्व और शक्ति को समझते हैं। उन्हें यह भी पता होता है कि भगवान सभी की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इसलिए, जब हम भगवान पर भरोसा करते हैं, हमें शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
“व्यक्तिगत फल की इच्छा के बिना और समाज की भलाई के लिए किया गया कोई भी कार्य कर्म है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – कर्म ऐसा कार्य हैं जो हम समाज की भलाई के लिए करते हैं और जिनमें हमें व्यक्तिगत फल की इच्छा नहीं होती है। जब हम समाज के लिए कुछ अच्छा करते हैं, तो यह हमें न केवल आनंद देता है, बल्कि हमारी आत्मा को भी शांति मिलती है।

“सबसे बड़ा लक्ष्य भगवान की भक्ति से ही प्राप्त हो सकता है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – हाँ, यह सत्य है कि सबसे बड़ा लक्ष्य हमारे जीवन में भगवान की भक्ति होनी चाहिए। जब हम भगवान को अपने मन में जगह देते हैं और उनसे बात करते हैं, तो हमारी आत्मा को शांति मिलती है। भगवान की भक्ति से हमारा मन साफ़ होता है

“ आप ज़िन्दगी में जो भी कुछ करते हैं और ,आपको ज़िन्दगी में जो भी कुछ मिलता है , वह ईश्वर की कृपा के कारण होता है । “
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – हमे ज़िन्दगी में जो भी कुछ मिला हे वह भगवान् की कृपा से मिला है अक्सर हम अपनी मेहनत और प्रयास को ही सब कुछ मानते हैं, लेकिन इसके पीछे ईश्वर की असीम कृपा होती है जो हमें सफलता की ओर ले जाती है।

“मैं (भगवान) हर जीवित प्राणी को एक जैसा मानता हूँ । मैं कभी भेदभाव नहीं करता।
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – कि भगवान सभी जीवित प्राणियों को समान रूप से देखते हैं और उनमें किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करते हैं। भगवान सभी को अपने बच्चों की तरह समझते हैं और उनकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

“कड़ी मेहनत और लगन से काम करो और भगवान् को याद करो । तुम ईश्वर को प्राप्त कर लोगे।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – जब हम कड़ी मेहनत से काम करते हैं तो हमे भगवान को भी याद करना चाहिए ताकि हमारा काम अच्छे से हो जाए और हमें सफलता मिले।
“सफलता बहुत मेहनत, लगन और मुसीबतों से गुजर के मिलती है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – हाँ, सफलता पाना बहुत मुश्किल होता है। सफलता हासिल करने के लिए व्यक्ति को काफी मेहनत करनी पड़ती है और धैर्य बनाए रखना भी जरूरी होता है। अक्सर लोग जल्दी हार मान जाते हैं या उन्हें लगता है कि यह काम नहीं हो सकता। लेकिन जो लोग मेहनत और समर्पण से अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते हैं, वे अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल होते हैं।

“जो अहंकार से दूर है और अपनी गलतियों से सीखता है वह मुझे (भगवान को) बहुत प्रिय है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – जो व्यक्ति अहंकार से दूर रहता है और सच्चाई और ईमानदारी से जीवन जीता है, वह भगवान के नजर में बहुत प्यारा होता है। अहंकार करने के बजाय , जो व्यक्ति अपनी गलतियों से सीखता है और सही रस्ते में चलता है वह भगवान् का प्यारा होता है
“अज्ञानता पागलपन को जन्म देती है।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – जब किसी व्यक्ति को ज्ञान नहीं होता हे तो वो ज़िन्दगी में गलत काम करने लगता हे और अपनी ज़िन्दगी को गलत कामों में डाल देता है।
“दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं – एक जो समस्याओं और चुनौतियों से भागने वाले होते हैं, और दूसरे, समस्याओं और चुनौतियों से लड़ने वाले होते हैं।”
“काम, क्रोध और लोभ ये तीन द्वार नरक की ओर ले जाते हैं।”

“बुरे व्यक्ति को कभी मन की शांति नहीं मिलती ।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – बुरा व्यक्ति अपनी गलत सोच और गलत कामों की वजह से हमेसा परेशान रहता हे और बुरे काम करता है उसे शांति प्राप्त नहीं होती
“जो सभी में “अच्छा” (सकारात्मक) देखता है उसमे अच्छाई का ज्ञान है।
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – जो व्यक्ति दुसरो में अच्छाई देखता है। यह उसके सोचने के तरिके को दिखाता है। जिस व्यक्ति के पास सही सोच होती है वह दूसरों के अच्छे गुणों को नजरअंदाज नहीं करता बल्कि उन्हें पहचानता है और उनका सम्मान करता है।

“जो सभी में “बुरा” (नकारात्मक) देखता है, उसमे बुराई का ज्ञान है।
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – जो व्यक्ति दुसरो में सिर्फ बुरा देखता है , और दुसरो के अच्छे गुणों को नहीं देखता हे वह इंसान सिर्फ बुराई से भरा है

“शांति, धैर्य , तपस्या, पवित्रता, सहनशीलता, ईमानदारी, ज्ञान, ज्ञान और धार्मिकता- ये एक अच्छे आदमी के गुण हैं।”
“भगवान् सबके दिल (हृदय ) में स्थित हैं ।”

“हर काम में कुछ कमियाँ होती हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि कोशिश करना छोड़ देना चाहिए।”
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं की – हर कोई अपने हर प्रयास के बाद सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन कई बार हमारे प्रयास में कुछ कमियाँ होती हैं जिससे हमें असफलता का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमें प्रयास करना छोड़ देना चाहिए। बल्कि इससे उन कमियों पर काम करना चाहिए जो हमारी सफलता को रोक रही हैं। इससे हमें सफलता में मदद मिलेगी

conclusion
दुनिया भर में कई लोग भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाओं से प्रेरित हुए हैं। उनके उद्धरणों (Quotes) ने आध्यात्मिक यात्रा की समझ में सहायता की है। भगवद गीता के प्रसिद्ध कृष्ण उद्धरण ( Krishna Famous Quotes In Hindi ) हमे प्रेरणा, आंतरिक शांति, ज्ञान और करुणा प्रदान करते हैं। कृष्ण की शिक्षाओं ने लोगों को जीवन को एक अलग रोशनी में देखने में मदद की है। तो, एक पल के लिए रुकें और प्रसिद्ध कृष्ण के उद्धरणों (Krishna Famous Quotes) को पढ़े और अपने जीवन को और बेहतर तरिके से जीये ।
FAQs
Q: श्री कृष्ण कौन थे?
श्री कृष्ण हिंदू धर्म में एक देवता हैं। जो कि भगवान विष्णु के अवतार हैं। कृष्ण स्वभाव से प्यारे और सभी के प्यारे रहे हैं
Q: श्री कृष्ण के उद्धरण (Quotes) मेरी मदद कैसे कर सकते हैं?
श्री कृष्ण के उद्धरणों (Quotes) ने हमें अपने आध्यात्मिक मार्ग में सहायता की है । अपने जीवन में कृष्ण की शिक्षाओं का उपयोग करने से आपको आंतरिक शांति, ज्ञान, आत्म-साक्षात्कार (inner serenity) और खुशी मिलेगी।