45 Krishna Quotes On Karma In Hindi [कृष्णा के अनमोल वचन]

भगवान श्री कृष्ण हिंदू कथाओं में सबसे प्रिय भगवानों में से एक हैं जो कर्म, जन्म और मृत्यु के चक्र के बारे में सिखाने के लिए जाने जाते हैं। भगवान कृष्ण भगवद गीता में कर्म के नियम की व्याख्या करते हैं, जो कर्म के कारण और प्रभाव के नियम की व्याख्या करता है।

इस लेख में, हम कर्म पर भगवान कृष्ण के उद्धरण ( Krishna Quotes on Karma in Hindi) पढ़ेंगे, जो कर्म की गहराई और आज हमारे जीवन में उनकी जरूरतों को समझाएंगे। चाहे आप आध्यात्मिक साधक हों या केवल एक साधारण जागरूक और अच्छे जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हों, कर्म पर भगवान कृष्ण के ये उद्धरण (quotes) आपको अपना जीवन बेहतर तरीके से जीने में मदद करेंगे।



(Top 45 Krishna Quotes on Karma in Hindi); कर्म योग कैसे करें


“दूसरों के अच्छे के लिए किया गया काम अच्छे कर्म को बढ़ावा देता है।”

-Lord Krishna

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की- दूसरों के भलाई के लिए काम करना एक बहुत ही अच्छा कार्य है। यह एक बहुत ही शक्तिशाली तरीका है जो अच्छे कर्म को बढ़ावा देता है। इससे हमारे आसपास के लोगों को खुश और संतुष्ट महसूस करवाने के साथ-साथ हमारा खुद का भी सम्मान बढ़ता है। इसलिए, दूसरों के भलाई के लिए हमेशा आगे रहना चाहिए।

Krishna Quotes on Karma in Hindi
Krishna Quotes on Karma in Hindi

“अच्छे कर्म का फल अच्छा और सुखद होता है,जबकि बुरे कर्म का फल कड़वा और कष्टदायक होता है।”

-Lord Krishna

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-जब हम अच्छे कर्म करते हैं तो उसका फल हमेशा शुद्ध और सुखद होता है। अच्छे कर्म हमें संतुष्टि और सुख का अनुभव करवाते हैं। जबकि बुरे कर्म करने से हमें केवल कष्टदायक फल ही मिलता है, जो हमें दुख और असंतोष का अनुभव करवाता है। इसलिए हमेशा अच्छे कर्म करने का प्रयास करना चाहिए जो हमें शुद्ध और सुखद फल देता है।

Krishna quote on good or bed karma

“हे अर्जुन, सफलता या असफलता के सभी मोह को त्यागकर, एक ही भाव से अपना कर्तव्य करो। मन की ऐसी इच्छा को योग कहा जाता है।”

-Lord Krishna

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हे अर्जुन, सफलता या असफलता के मोह को त्यागकर, अपना कर्तव्य एक ही भाव से करो। इसे ‘योग’ कहा जाता है, जिसमें हम मन की ऐसी इच्छाओं को त्यागकर कार्य करते  हैं। सफलता और असफलता सिर्फ एक भ्रम हैं जो हमारे मन को दुखी करते हैं। इसलिए हमें अपना कर्तव्य स्वीकार करना चाहिए और उसे अपनी पूरी शक्ति से पूरा करना चाहिए।

Krishna quote on karma yoga

“हमारे इस जन्म के कर्म ही हमारे अगले जन्म को आनंद से और आराम से जीने या दुखी होके भुगतने के लिए जिम्मेदार होते हैं”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हमारे अगले जन्म के अनुभव और सुख-दुख का निर्णय हमारे इस जन्म के कर्म पर निर्भर करता है। जितने अच्छे कर्म हम इस जीवन में करते हैं, उतने ही अगले जन्म में हमें आनंद से और आराम से जीने का अवसर मिलता है। इसी तरह, जितने बुरे कर्म हम इस जीवन में करते हैं, उतना ही हमें अगले जन्म में दुखी होके भुगतना पड़ता है। इसलिए, हमें अच्छे कर्म करने की कोशिस करनी  चाहिए और बुरे कर्मों से दूर रहना चाहिए। यह हमारे वर्तमान जीवन के लिए भी लागू होता है।

Krishna quote on karma result

“आत्म ज्ञान हमारे सभी पिछले कर्मों को जला देता है और हमें जन्म और मृत्यु के चक्र से आज़ाद करता है।”

-Lord Krishna

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-आत्म ज्ञान हमें हमारे पिछले कर्मों से मुक्त कर देता है जिससे हम जन्म-मृत्यु के चक्र से आजाद हो सकते हैं। यह हमें अपने असली रूप  को समझने में मदद करता है और हमें अपने जीवन के मार्ग का सही फैशला  लेने में मदद करता है। इससे हम अपने वर्तमान जीवन को बेहतर बना सकते हैं और अपने आने वाले जन्मों में भी सुखी जीवन जीने के लिए तैयार हो सकते हैं।

“जितना ज्यादा  हम अपने फायदे ,अपनी इछाओ ,अपनी जरूरतों को बढ़ाते हैं हमारे पास जीने के लिए उतना ही कम समय रह जाता  है।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-आजकल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी को देखके ऐसा  लगता हे की यह आधुनिक जीवन हमे जरूरत से ज्यादा व्यस्त कर  रहा हे उन  सब चीज़ों  के लिए जो जरूरी भी नहीं हैं सिर्फ देखा देखि की वजह से सब अपनी इछाओ जरूरतों को बढ़ावा देने और उन्हें पूरा करने में लगे हुए हैं यह भूलके की ज़िन्दगी जीने का मतलब यह नहीं है असल में ज़िन्दगी जीने का मतलब सब भूल चुके हैं सिर्फ बेकार की चीज़ के लगाव की वजह से ।

Krishna quote on selfless action in karma

“आप अपनी किश्मत के निर्माता खुद हैं।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हाँ, यह सत्य है कि आप खुद अपने भाग्य के निर्माता होते हैं। आप जो सोचते हैं, जो भावनाएं रखते हैं और जो कर्म करते हैं, वे सभी आपके भाग्य का  निर्माण करते हैं। आप अपने जीवन को सफल या असफल बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। आपके भाग्य का निर्माण आपकी सोच, भावनाओं और कर्मों पर निर्भर करता है। अतः, अपने जीवन को सफल बनाने के लिए अच्छी  सोच वाली  भावनाओं को अपनाएं और सही  कर्म करें।

Krishna quote on destiny

“दूसरों की निस्वार्थ भाव से सेवा करके, हम अपने आसपास की दुनिया में अच्छाई का एक गहरा प्रभाव पैदा कर सकते हैं।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-दूसरों की मदद करना एक बहुत बड़ा कार्य है जो हम अपने जीवन में कर सकते हैं। जब हम दूसरों की निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं, तो हम खुद भी संतुष्ट और खुश होते हैं। हम अपने आसपास की दुनिया में अच्छाई का एक गहरा प्रभाव पैदा करते हैं और इससे  हमारे आस-पास के लोगों के लिए बड़ी सहायता होती है। इस तरह हम अपने अंदर की भावनाओं को समझते हुए और दूसरों की मदद करते हुए अपने आप को भी और बहेतर  बनाते  हैं।

“जो कर्म के मार्ग में पुरे मन से समर्पित है, जिसका मन शांत है, वह जीवन के सबसे बड़े  लक्ष्य को प्राप्त करता है और सभी पापों से मुक्त होता है।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-जब हम कोई भी काम  करते हैं, तो हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारा  मन, शरीर और आत्मा सभी उस काम  में समर्पित हों। जब हम इस तरह से काम करते  हैं, तब हमें अपने जीवन के सबसे बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता मिलती है। जब हम एक शांत मन वाले होते हैं, तब हम पापों से मुक्त होते हैं 

Krishna quote on the law of karma

“व्यक्तिगत फल की इच्छा के बिना और समाज की भलाई के लिए किया गया कोई भी कार्य वास्तविक अर्थों में कर्म योग है।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-जब हम किसी काम को केवल अपने फायदे के लिए करते हैं, तो उससे अकेले हमें लाभ होता है। लेकिन जब हम किसी काम को समाज की भलाई के लिए करते हैं, तो उससे न केवल समाज को बल्कि हमें भी लाभ होता है। ऐसे काम को हम कर्म योग कहते हैं। यह हमें आजदी के पथ पर आगे बढ़ने में मदद करता है और हमें शांति एवं खुशी देता  है।

Krishna quote on selfless action of karma

“ईश्वर ने हमें कर्म करने और अपना काम करने की आजादी  दी है लेकिन वह हमारा निर्माता है इसलिए हमें अपने जीवन में हर उस चीज़ के लिए ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए जो हम करते हैं या प्राप्त करते हैं।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हमारे जीवन में कर्म करने की आजादी ईश्वर ने हमें दी है। हमें अपने काम को पूरा करना चाहिए लेकिन इससे पहले हमें यह समझना चाहिए कि हमारा निर्माता ईश्वर है। हमें अपने जीवन में हर उस चीज़ के लिए ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए जो हम करते हैं या प्राप्त करते हैं। हमें ईश्वर की अनुमति से जीवन को सफल बनाने के लिए समाज के भलाई के लिए कर्म करना चाहिए। यह असल  में कर्म योग है।

“भगवान हमें हमारे” कर्म “के आधार पर फिर से जन्म देते हैं।”

-Lord Krishna

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-भगवान ने हमें अपने कर्मों के आधार पर जन्म लेने का मौका  दिया है। जैसा हम कर्म करते हैं, वैसा ही हमारा भविष्य बनता है। अच्छे कर्म करने से हम अपने आने वाले जन्मों में सुख और समृद्धि का अवसर प्राप्त कर सकते हैं, जबकि बुरे कर्म करने से हमें दुख और असफलता का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमें समझना चाहिए कि हमारे कर्म हमारे भविष्य का निर्माता होते हैं और हमें अपने कर्मों को ध्यान  में रखकर सही दिशा में बढ़ना चाहिए।

Krishna quote on the nature of karma

“कर्म करो लेकिन फल की इच्छा मत करो जो व्यक्ति फल की इच्छा से बंधा रहता हे वह कभी खुश नहीं रहता है।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-जब हम किसी काम को करने के साथ-साथ उसके फल की इच्छा रखते हैं, तो हम उस काम से बंध जाते  हैं। इसका अर्थ है कि हमारे कर्म फल नहीं देते हैं जिससे हम उनसे अलग हो जाते हैं। ऐसे में, हमारे कर्मों को बंधन कर्म के रूप में जाना जाता है। इसलिए हमें कर्म को उसके फल की इच्छा न रखकर समर्पण और बिना किसिस फल की इच्छा के कर्म में लगना चाहिए।

Krishna quote on the law of karma

“अज्ञानी अपने फायदे के लिए कार्य करते हैं, ज्ञानी संसार के भले के लिए कार्य करते हैं”

-Lord Krishna

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-ज्ञान एवं धैर्य  वाले व्यक्ति कर्म और उसके फल की इच्छा नहीं करते  हैं। उनका मुख्य उद्देश्य होता है समाज के भले के लिए कर्म करना और सभी को आनंद देना। ऐसे व्यक्ति सभी के अच्छे के लिए काम करते हैं और अपने फायदे  की चिंता नहीं करते हैं। इस तरीके से वे संसार के भले के लिए कर्म करते हैं जबकि अज्ञानी अपने फायदे के लिए कर्म करते हैं और उन्हें अपने कर्म के बदले कुछ नहीं मिलता।

Krishna quote on knowledge

“मन की संतुष्टि का सबसे बुरा सत्य यह है की : वह आखरी या खत्म नहीं हो सकती ।”

-Lord Krishna
Krishna quote on mind

“कर्म के फल को अपना मकसद मत बनने दो।”

-Lord Krishna

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-जब हम कोई कार्य करते हैं तो हम  उसके फल के बारे में सोचने लग जाते हैं , लेकिन फल की इच्छा को  अपना मकसद नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि यदि हम अपने कर्म करने के बाद उसके फल को ही अपना मकसद बना लेंगे तो हम सही कर्म करने से भी दूर रहेंगे। इसलिए, हमें सही कर्म करने की इच्छा  और जिज्ञासा से कर्म करना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। इसलिए, कर्म के फल को अपना मकसद मत बनने दो।

Krishna quote on karma

“हमें परिणाम की चिंता किए बिना अपना काम करना चाहिए, क्योंकि अंत में  यह एक उच्च शक्ति (भगवान्) के हाथों में है।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-जीवन में हमें कई बार उन्नति करने के लिए काम करना पड़ता है, लेकिन जब हम अपना काम करते हैं तो हमें परिणाम की चिंता करना नहीं चाहिए। हमें अपने काम में विश्वास रखना चाहिए और उसे ईमानदारी से करना चाहिए। हमें यह समझना चाहिए कि हमारे हाथों में परिणाम नहीं हो सकते हैं, लेकिन हम अपने काम में लगे रहते हैं तो एक उच्च शक्ति (भगवान्) हमेशा हमारे साथ होती है। अगर हम अपने काम में ईमानदारी से लगे रहेंगे तो अंत में सफलता ज़रूर मिलेगी।

इसलिए, जीवन में हमें परिणाम की चिंता करने की बजाय अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए। अगर हम सही तरीके से काम करते हैं तो फल स्वयं हमारे पास आएगा।


कर्म और धर्म के  नियम


“दूसरों के काम को पूर्णता से करने की तुलना में अपना काम अपूर्णता से करना बेहतर है।”

-Lord Krishna

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-आजकल की दौड़-भागदौड़ भरी जिंदगी में, लोग अपने काम को शान्ति और तुलनात्मक सुख के लिए त्याग देते हैं और दूसरों के काम को पूर्णता से करने के लिए तत्पर होते हैं। लेकिन, जब हम दूसरों के काम को पूर्णता से करने में लगे रहते हैं, तो उस समय हमारे अपने काम की अपूर्णता हो सकती है। इसलिए, हमें अपने काम को पूर्णता से करना चाहिए। अगर हम अपने काम को पूर्णता से करेंगे तो दूसरों के काम को भी पूर्णता से कर पाएंगे। इससे हम अपने व्यक्तित्व को भी सुधारेंगे और अपना स्वस्थ और समृद्ध जीवन जी सकेंगे।

Krishna quote on true karma

“अपनी गलतियों को देखना और उन्हें सही करने के तरीकों पर विचार करना कर्म करने का सही तरीका है”

Krishna quote on positive karma

“जो लोग अपने खुद के लाभ के लिए, अपने मन की ख़ुशी के लिए और सिर्फ अपने फायदे के लिए काम करते हैं वो लोग दुःखी होके हताशा  में अपना जीवन जीते हैं”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हमारे जीवन में बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपने काम में इतना व्यस्त हैं की उनके पास अपने बच्चो को सुनने का समय भी नहीं मिल पता है सिर्फ इस वजह से व्यस्त हैं की वह दो से तीन नई कार ले सकें ,फिर नया घर  ले सकें अलग अलग कमरों के लिए अलग अलग टीवी ले सके और इन सभी चीज़ में इतना उलझ जाते हैं की यह समझने की ताकत चले जाती हे की नए समय के साथ ये सब पुराना  होता चला जाता हे और अपनी जरूरतों में इतना उलझ जाते हैं की ज़िन्दगी कैसे जिनी  है क्या जरूरी है सब भूल जाते हैं और अंत में सिर्फ दुःख ही नसीब होता है   

“अपना कर्तव्य करो और बाकी सब भगवान पर छोड़ दो।”

-Lord Krishna

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हमें जो कुछ भी करना होता है, हमें अपना पूरा ध्यान उस पर लगाना चाहिए और उसे अच्छी तरह से करने का प्रयास करना चाहिए। बाकी सब जो होगा वह भगवान की मर्ज़ी पर होगा। अपना कर्तव्य करना हमेशा सही होता है, क्योंकि जब हम अपने कर्तव्य को पूरा करते हैं तो हम अपने आप को खुश और संतुष्ट महसूस करते हैं। और जब हम भगवान पर  सब कुछ छोड़ देते हैं, तो हम अपने आप को उनके  हाथों में सौंपते हैं, और सभी मन की दिक्क्तों से आजदी महसूस करते हैं 

Krishna quote on faith

“आप जिस किसी भी बहुत बड़ी दिक्क्तों से गुजर रहे हों उन सभी दिक्क्तों को भगवान् को समर्पित कर  दें जीवन आसान हो जायेगा । यही साधना का सार है।”

“भगवान कभी भी मनुष्यों के” कर्म “नहीं तय करते हैं। यह मनुष्य है जो अपने कर्म खुद चुनता है।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हमारी जिंदगी में हम जो कुछ भी करते हैं, उसके बदले में हमें उसके नतीजे भुगतने होते हैं। हमें अपने कर्मों के लिए जवाबदेह होना पड़ता है। अगर हमने कोई अच्छा काम किया होता है, तो हमें उसका अच्छा फल मिलता है। वैसे ही, अगर हमने कोई बुरा काम किया होता है, तो हमें उसका बुरा फल भी भुगतना पड़ता है। ध्यान रखें, जब हम कोई काम करते हैं, तो हमें उसे खुशी के साथ करना चाहिए। अगर हमें कोई काम करने में दबाव या ज़रूरत नहीं है, तो हम उसे छोड़ सकते हैं और उस चीज़ को कर सकते हैं जो हमें खुशी देती है।

यदि हम उन कर्मों को करते हैं जो हमें खुशी देते हैं, तो हमारे जीवन में अधिक सुख मिलेगा। हमें अपने दिल की सुननी  चाहिए और अपने स्वभाव के अनुसार कर्म करना चाहिए।

इसलिए, अपने कर्मों को थोड़ी सी सोच-विचार के साथ करें और सही तरीके से उन्हें करें। आप देखेंगे कि आपका जीवन बहुत ही सुखी और सफल हो जाएगा।

Krishna quote on the nature of karma

“भगवान् की इच्छा के बिना कुछ भी नहीं हो सकता है ।”

-Lord Krishna

“हम जो कुछ भी करते हैं या कुछ भी नहीं करते हैं उसका कुछ ना कुछ परिणाम जरूर होता है।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हम जो कुछ भी करते हैं या कुछ भी नहीं करते हैं, उसका परिणाम हमेशा होता है। जब हम कुछ करते हैं तो उसके अनुसार हमें फल मिलता है। यदि हम सही कर्म करते हैं तो हमें सुख और सफलता मिलती है, जबकि अगर हम गलत कर्म करते हैं तो हमें दु:ख और संकट का सामना करना पड़ता है।

इसके साथ ही, जब हम कुछ नहीं करते हैं, तो भी हमारा कुछ न कुछ परिणाम होता है। यदि हम कोई ज़रूरी काम छोड़ देते हैं तो उससे बड़ी समस्याएं भी पैदा  हो सकती हैं। इसलिए, हमें सभी कामों को समय पर करना चाहिए ताकि हमें सफलता मिल सके और अनावश्यक समस्याओं से बचा जा सके।

इसलिए, हमें अपने कर्मों को सचेतता से करना चाहिए ताकि हमें सफलता का सफर आसान हो सके। इसके अलावा, हमें अपने कर्मों का जवाबदेह होना चाहिए। हमेशा सोच-विचार के साथ कर्म करें और जीवन में सफल हों।

Krishna quote on consequences of karma

“मनुष्य को अपने “कर्म” से सब कुछ बदलने की क्षमता मिली है।

-Lord Krishna

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हमारे कर्म हमारे जीवन को सीधा प्रभावित करते हैं। हमारे कर्म हमें उस दिशा में ले जाते हैं जिसमें हम चलते हैं। हम जो कुछ भी करते हैं या नहीं करते, उससे हमें कुछ ना कुछ फल मिलता है। अपने कर्मों के माध्यम से हम अपनी जिंदगी को अच्छी तरह से चला सकते हैं। जिस भी दिशा में हम अपने कर्मों की मदद से जाना चाहते हैं, हमें उस दिशा में कुशलता से काम करना होगा।

Krishna quote on true nature of karma

“जिस तरह एक प्रजाति आँख बंद करके अपने आस-पास की दुनिया के संपर्क में आने से कुछ विशेषताओं को विकसित करती है, वैसे ही हम जो कुछ भी करते हैं उसके परिणामों से हम लगातार खुद को आकार देते  हैं। यह कर्म का नियम है।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हाँ, यह बिल्कुल सही है। हमारे कर्म हमें अपने आस-पास की दुनिया से जुड़ने में मदद करते हैं। हमारे कर्म हमें न केवल अपनी स्थिति में सुधार करने में मदद करते हैं, बल्कि इस दुनिया में हमारे संबंध भी बदल जाते हैं। जैसे आप कर्म करते हैं, उससे आपकी सोच और आपके आस-पास के लोगों की सोच भी बदल जाती है। इसलिए, हमें हमेशा अपने कर्मों को चुनते समय सतर्क रहना चाहिए।

“समझदार को बिना किसी चीज़ के लगाव के काम करना चाहिए”

-Lord Krishna

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हमें बिना किसी चीज के लगाव के काम करना चाहिए। जब हम किसी काम को करते हैं तो उसमें हमारा लगाव हमें गलत फैसलों पर ले जाने की संभावना बढ़ा देता है। लेकिन बुद्धिमान लोग इस से बचते हैं और अपने कामों में निष्पक्ष रहते हैं। वे निरंतर अपनी बुद्धि और अनुभव से सीखते हुए बेहतर फैसले लेने की कोशिश करते हैं। इसलिए, बुद्धिमान होना बहुत महत्वपूर्ण है और हमें बिना किसी चीज के लगाव के काम करना चाहिए।

“अगर हम चाहते हैं कि हमारी ज़िन्दगी कामयाब हों तो हमें हिम्मत रखनी चाहिए और समझदारी से काम लेना चाहिए।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-जब हमें अपने जीवन में कुछ हासिल करना होता है, तो हमें सोच समझकर और अपनी हिम्मत के साथ आगे बढ़ना पड़ता है। समझदारी से काम लेना आवश्यक है ताकि हम अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें। जो लोग समझदारी से काम लेते हैं और उनमें हिम्मत रहती है, वे सफल होते हैं। अतः, हमें अपने जीवन में समझदारी से काम करना चाहिए ताकि हम अपनी ज़िन्दगी को कामयाब बना सकें।

“अपने किये गए कार्यों की जिम्मेदारी  लें:अर्थात- अपने  कर्मों  के परिणामों को स्वीकार करो और उनसे सीखो।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-जिम्मेदारी लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है। हम जब कुछ करते हैं तो उससे पूरी तरह से वाकिफ होते हैं किनतीजा चाहे कुछ भी हो हमे जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी । जिम्मेदारी लेने से हम अपने किए गए कार्यों के नतीजों से सीखते हैं और उनसे आगे बढ़ते हैं।

जिम्मेदारी लेना सिर्फ अपने कार्यों के परिणामों को स्वीकार करने ही नहीं बल्कि हमारे व्यवहार को भी बेहतर बनाने में मदद करता है।

Krishna quote on karma and dharma

“दूसरों पर हमारे कार्यों के प्रभाव को स्वीकार करें और यदि जरूरत पड़े  तो सुधार करने के लिए कदम उठाएं।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हमारे कर्म न केवल हमें बल्कि दूसरों को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए, हमें दूसरों के साथ अच्छे  ढंग से व्यवहार करना चाहिए और उनकी भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। अगर हमारे कार्यों से किसी को नुकसान पहुंचता है, तो हमें उससे माफी मांगनी चाहिए और संभवतः सुधार के लिए कदम उठाने की भी जरूरत हो सकती है। इसलिए, हमें अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सभी के साथ अच्छा  व्यवहार करना चाहिए।

“समझदार लोग  समझते हैं कि उनके विचार, शब्द और कार्य सभी कर्म  के रूप हैं और अच्छे  या बुरे  परिणामों के लिए जिम्मेदार हैं।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-उनके विचार, शब्द और कार्य सभी कर्म के रूप में काम आते हैं। वे जानते हैं कि उनके द्वारा किए गए कर्म अच्छे या बुरे परिणामों के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। इसलिए वे समझते हैं कि उन्हें सकारात्मक विचारों पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें अमल में लाना चाहिए। इससे उन्हें अच्छे परिणाम मिलने की संभावना बढ़ती है। वे अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं और उन्हें सुधार करने के लिए कदम उठाना नहीं झुकते।

“अगर हम लगातार गलतियां करते चले जा रहे हैं और बोल रहें हैं की “हे भगवान् मुझे माफ़ कर दो” लकिन उन गलतियों को सुधार नहीं रहे हैं तो हमारा पूरा जीवन बस  गलतियां करने और माफ़ी मांगने में ही बीत जाता है” 

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-माफ़ी मांगने का असल अर्थ यह हे की अपनी गलतियों से सीखना और उस सोच को को सुधारना जिसने हमे यह गलती करने के लिए प्रेरित किया है कोई फर्क नहीं पड़ता की हमने अपने अतीत में क्या गलत किया हे हम हमारे अतीत की गलतियों को सुधार  सकते हैं इसीलिए यह कहा जाता हे  कि भगवान की क्षमा हमेशा हमारे लिए होती है बस  मांफी मांगना और भगवान तक पहुंचने का विकल्प हमारे ऊप्पर  होता हे 

“अपराध बोध या दुःख में कभी पीछे मुड़कर न देखें। हमने जो कुछ भी गलत किया है, हम हमेशा उसका प्रायश्चित वर्तमान में कर सकते हैं”

Krishna quote on karma and dharma

बिना लगाव के कर्म करने की  भूमिका


“श्री कृष्ण हमें बताते हैं, जो भी पुरुष या महिला सभी कार्यों को भगवान के लिए एक भेंट के रूप में करते हैं, बिना किसी स्वार्थी लगाव के या गलत भावना  के, ऐसे लोग भगवान् के प्यारे होते हैं।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-जीवन में हम सभी काम करते हैं, न कि उस काम से कुछ फायदा होने की उम्मीद में। श्री कृष्ण ने हमें यह सीखाया है कि जो भी काम हम करें, उसे भगवान को भेंट के रूप में अर्पित करें। इसका मतलब है कि हमें स्वार्थ के बिना काम करना चाहिए और गलत भावनाओं से दूर रहना चाहिए। ऐसे लोग भगवान के अति प्रिय होते हैं। जीवन में आगे बढ़ते समय हमें हमेशा यह याद रखना चाहिए कि हमें स्वार्थ से दूर रहकर और सही भावनाओं से काम करके हम भगवान के प्यारे बन सकते हैं।

”भगवत गीता यह बताती  है की , हमें यह कभी नहीं पूछना चाहिए की  “मुझे क्या पसंद है?”।बल्कि यह पूछना चाहिए की, “मैं क्या दे सकता हूँ?”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हमें सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए भी कुछ करना चाहिए। जैसे कि, हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए जब उन्हें मदद की  सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इससे हमें न केवल शांति मिलती है, बल्कि हम बांकी लोगों के जीवन में भी खुशियों का साधन  बन सकते हैं।

अतः, हमेशा यह सोचना चाहिए कि हम  क्या दे सकते हैं, और इस तरह दूसरों के जीवन में खुशियों का स्रोत बनने की कोशिश करनी चाहिए।

Krishna quote on selfless action

“जब हम अंत में सबसे ज्यादा  प्रभु से जुड़ना  चाहते हैं, तो हमे  मोह भावों को छोड़ने में कोई दिक्क़ते नहीं होती  है।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-जब हम किसी चीज़ से ज्यादा प्रभु से जुड़ना चाहते हैं, तो हम अक्सर उस चीज़ के मोह भाव में खो जाते हैं। लेकिन भगवान हमेशा हमारे पास होते हैं, यदि हम प्रभु के साथ अपना पूरा ध्यान लगा दें, तो मोह भावों को छोड़ने में कोई भी दिकत नहीं होती है। इस तरीके से हम भगवान के साथ गहरे संबंध बना सकते हैं और उनके प्रति अपनी भक्ति को बढ़ा सकते हैं।

“अपना कर्तव्य करो, लेकिन कर्म के फल से मत जुड़ो।कर्म के फल से उत्साहित मत होवो , बल्कि कर्म पर ही ध्यान केंद्रित करो।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-जब हम अपने कर्तव्यों को ध्यान  और समर्पण से करते हैं, तो हमें फल की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। अपने कर्म के फलों से जुड़ने से हमारा मन एक सामान नहीं रहता है और हम उत्साहित हो जाते हैं, जो कि गलत होता है। इसलिए, अपने कर्म पर ध्यान केंद्रित करें और उन्हें सही तरीके से करने के लिए निष्ठा और समर्पण से काम करें।

“जब हृदय खोई हुई वस्तु के लिए शोक करता है,तब आत्मा उस पर आनन्दित होती है जो उसने पाया है।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-जब हम किसी चीज़ को खो देते हैं, तो हमारा मन शोक में डूब जाता है। लेकिन वहीं पर आत्मा खुश होती है जो हम पहले से प्राप्त कर चुके हैं। इसलिए हमें अपने मन को अपनी खोई हुई वस्तु के साथ नहीं जुड़ने देना चाहिए। हमें उस आनंद को याद रखना चाहिए जो हमने उससे पहले प्राप्त किया था।

Krishna quote on soul

“आध्यात्मिक रास्ते  पर हम अपने सभी स्वार्थी लगावों  को थोड़ा-थोड़ा करके, अपनी क्षमता के अनुसार – दबाव में नहीं, बल्कि अपनी खुद की  इच्छा से मुक्त करते हैं।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-आध्यात्मिक रास्ते पर चलना कोई आसान काम नहीं है। हमें अपने सभी स्वार्थी लगावों से मुक्त होकर अपनी इच्छाओं के अनुसार चलना होता है। हमें दबावों में नहीं बल्कि स्वतंत्र रूप से अपनी क्षमता के अनुसार चलना चाहिए। इस रास्ते पर बढ़ते हुए, हमें अपनी आत्मा के साथ एक नया रिश्ता  बनाना पड़ता है जो हमें सुख और शांति देता है।

” अपना सबसे अच्छा काम  लगातार करते रहें ,और यह कभी ना सोचें  कि चीजें आपकी इच्छा से काम कर रही  हैं या नहीं।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-हमेशा अपना सबसे अच्छा काम करने के लिए तत्पर रहना चाहिए और चीज़े आपके हिसाब से चल रही हैं की नहीं इसमें अपने आप को शामिल नहीं होने देना चाहिए। कभी-कभी हम अपने कामों में इतना खो जाते हैं कि हम यह भूल जाते हैं कि हम उन्हें क्यों कर रहे हैं। इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने कामों को लगातार  महत्व दें 

Krishna quote karma and dharma

“वास्तव में मशीनी  अभ्यास से बेहतर ज्ञान है। ज्ञान से बड़ा  है ध्यान। लेकिन प्रेम में समर्पण सबसे बेहतर है, क्योंकि इससे मन को शांति मिलती है।”

“मैं और मेरा”। यह अहंकार की भाषा है।”

-Lord Krishna

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-मैं और मेरा” एक अहंकारपूर्ण वाक्य होता है। इस वाक्य में हम खुद  को बांकी लोगों से अलग मानते हैं। हमें यह याद रखना चाहिए कि हम सभी एक ही मानव जाति के अंग हैं और हमारा पूरा  जीवन बांकी  लोगों के साथ जुड़ा हुवा  है। इसलिए, हमें अहंकार को दूर रहके सभी के साथ एकजुट होकर जीवन जीना चाहिए।

Krishna quote on ego

“जब हम पूरी तरह से परिणाम के लिए काम करते हैं, तो हम सिर्फ परिणाम में खो जाते  हैं और वर्तमान में रहने का आनंद  खो सकते हैं।”

श्री कृष्णा भगवान् बोलते हैं की-आपको अपने काम करने के लिए प्रेरित होना चाहिए, पर उसके लिए आपको अपने वर्तमान को भी महत्व देना आवश्यक है। कभी-कभी हम इतने परिणामों में उलझ जाते हैं कि हम अपने वर्तमान को नहीं देख पाते। इसलिए हमें हमेशा अपने काम को करते हुए वर्तमान का आनंद लेना चाहिए। क्योंकि जब हम वर्तमान में जीते हैं, तो हम जीतने का वास्तविक मजा ले पाते हैं।

“जो दोस्त  और दुश्मन  दोनों की समान प्रेम से सेवा करता है, जो तारीफों  से खुश नहीं होता है और न ही दोष से गिराया जाता है, एक समान रूप से गर्मी और सर्दी, सुख और दुःख में रहता है , वह स्वार्थी लोभ से मुक्त होता है। और भगवान् का प्यारा होता हे “


कर्म के तीन प्रकार होते हैं 


संचिता कर्म 

संचित कर्म उन सभी अच्छे और बुरे कर्मों का योग है जो हमने अपने पिछले जन्मों में किए हैं जिनका समाधान अभी तक नहीं हुआ है।

प्रारब्ध कर्म (क्रिया जो शुरू हो गई है)

प्रारब्ध कर्म उस कर्म को बताता  है जो वर्तमान में इस जीवनकाल में अनुभव किया जा रहा है। प्रारब्ध कर्म वह कर्म है जिससे हम वर्तमान में इस जीवन में कार्य कर रहे हैं।

क्रियमाण कर्म (सक्रिय क्रिया)

क्रियमाण कर्म उस कर्म को बताता  है जिसे हम अपने वर्तमान कार्यों के माध्यम से बनाते हैं। क्रियमाण कर्म वह है जिसे हम अभी बनाने वाले हैं, तत्काल वर्तमान में।

Conclusion

कर्म पर भगवान कृष्ण के उद्धरण ( Krishna Quotes on Karma in Hindi) हमें कर्म के कारण और प्रभाव की सच्चाई बताते हैं। अपने कर्मों की जिम्मेदारी लेकर हम अपने जीवन को सकारात्मक तरीके से बदल सकते हैं। आइए हम कर्म के सिद्धांतों के अनुसार जिएं और अपने और दूसरों के लिए बेहतर भविष्य बनाएं।

FAQs

Q: हिंदू धर्म में कर्म की अवधारणा क्या है?

कर्म , कारण और प्रभाव का नियम है जो हमारे कर्मों के अनुसार हमारे जीवन को नियंत्रित करता है। कर्म का नियम यह है कि प्रत्येक कार्य का एक परिणाम होता है, और हम अपने कार्यों के परिणामों के लिए जिम्मेदार होते हैं।

Q: कर्म हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है?

कर्म हमारे भाग्य को आकार देता है और हमारे जीवन की गुणवत्ता को निर्धारित करता है। हमारे कर्म ही हमारे भविष्य को आकार देते हैं। हम सकारात्मक कर्म करके और नकारात्मक कर्म को शुद्ध करके अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं और अपने भविष्य को आकार दे सकते हैं।

Krishna Quotes On Karma In Hindi

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